भदोही में साइबर ठगों का अंतरराष्ट्रीय गिरोह पकड़ा गया, 5 करोड़ से अधिक की ठगी का खुलासा।
शरद बिंद/ भदोही।
भदोही पुलिस ने साइबर क्राइम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक श्री अभिमन्यु मांगलिक के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक श्री शुभम अग्रवाल के पर्यवेक्षण में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने 20 अक्टूबर को गोपीगंज बाजार ओवरब्रिज के पास से इन ठगों को धर दबोचा। इस गिरोह पर 100 से अधिक एनसीआरपी शिकायतें दर्ज हैं, और इन्होंने 700 से अधिक फर्जी बैंक खातों के जरिए 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है।
गिरफ्तार अभियुक्तों में अंकुश सोनी (गैंग लीडर), कमलेश कुमार, शनि सिंह, अवधेश कुमार चौधरी उर्फ दीपू, राहुल पासी, शहजाद, और शोएब अंसारी शामिल हैं। इनके पास से 10 मोबाइल फोन (सैमसंग, रियलमी, ओप्पो, आईफोन), 10 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 6 आधार कार्ड, 1 ड्राइविंग लाइसेंस, 1 पासबुक, 5000 रुपये नकद, एक कार और एक मोटरसाइकिल बरामद हुई। मोबाइल में साइबर अपराध से जुड़े एपीके फाइल, ऐप्स, व्हाट्सएप और टेलीग्राम चैट्स मिले, जो चाइना और हांगकांग से जुड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह टेलीग्राम और व्हाट्सएप के जरिए फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स और गेमिंग ऐप्स जैसे बीडीजी बेटिंग, एल बैंक, और लाइफ एपीके का इस्तेमाल कर लोगों को ठगता था। ये लोग फर्जी खातों में पैसे ट्रांसफर कर क्रिप्टो वॉलेट और गेमिंग ऐप्स के जरिए उन्हें निकालते थे। क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी के लिए ये खुद को बैंक कर्मचारी बताकर ओटीपी और केवाईसी डेटा हासिल करते थे।
गिरोह फर्जी सिम, क्लोन्ड आईडी और गुप्त बैंक खातों का उपयोग कर अपनी पहचान छिपाता था। अंकुश सोनी टेलीग्राम और व्हाट्सएप के जरिए पीड़ितों को लिंक भेजता, कमलेश फर्जी खातों का प्रबंधन करता, और शनि सिंह क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के लिए फर्जी टेलीग्राम आईडी ऑपरेट करता था। अन्य सदस्य फर्जी दस्तावेज, सिम, और सीएससी सेंटर के जरिए पैसे निकालने में सहयोग करते थे।
पुलिस ने मुकदमा संख्या 46/25 के तहत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर विधिक कार्रवाई शुरू की है। दो अन्य अभियुक्त, सुधांशु गुप्ता और अवधेश बिंद, फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। यह कार्रवाई साइबर अपराधों के खिलाफ पुलिस की सतर्कता और प्रभावी रणनीति का परिणाम है।

