पौराणिक ददरी मेला भाजपा सरकार की राजनीति का शिकार, नगर पालिका अध्यक्ष के अपमान पर सपा प्रवक्ता सुशील कुमार पाण्डेय का तीखा आरोप।
संजीव सिंह बलिया ।जिले में महर्षि भृगु जी के शिष्य दर्दर मुनि के नाम पर आयोजित होने वाला ऐतिहासिक एवं पौराणिक ददरी मेला सिर्फ एक सामान्य मेला नहीं है बल्कि बलिया की एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक पहचान और जनता का गौरव है। समाजवादी पार्टी बलिया के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता सुशील कुमार पाण्डेय कान्हजी ने बुधवार को एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा सरकार इस मेले को खत्म करने की राजनीति कर रही है, जो न केवल बलिया के स्वाभिमान के खिलाफ है, बल्कि लोकतांत्रिक मान्यताओं का भी उल्लंघन है।सपा प्रवक्ता ने भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जो लोग खुद को ‘ट्रिपल इंजन’ बताकर सरकार चला रहे हैं, वे अपनी ही तीसरी इंजन को खत्म करने में लगे हुए हैं। उच्चतम पदों पर बैठे नेता अपने नीचे के पदों पर विराजमान लोगों को खत्म कर रहे हैं। ददरी मेला जो अब तक नगर पालिका परिषद बलिया के नेतृत्व में जिला प्रशासन के सहयोग से सफलतापूर्वक आयोजित होता आ रहा था, अब उसी नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष को मेला समिति में ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ मात्र बनाया जाना भारी अपमान है। यह निर्णय न केवल लोकतंत्र की हत्या है, बल्कि नगर क्षेत्र के मतदाताओं के अधिकारों का अनादर भी है।सुशील कुमार पाण्डेय ने कहा कि भाजपा की यह चाल एक बार फिर से उसके सच्चे चरित्र को उजागर करती है।
7जिस तरह से पार्टी अपने वरिष्ठ नेताओं को किनारे करने के लिए मार्गदर्शक मंडल बना रही है, उसी प्रकार यह ‘विशेष आमंत्रित सदस्य मंडल’ भी एक ऐसा ही तंत्र है। उन्होंने नगर पालिका परिषद बलिया के अध्यक्ष से अपील की कि वह इस मामले में आगे आएं और अपने पद की गरिमा बचाने के लिए संघर्ष करें, क्योंकि जनता उनका समर्थन करेगी। अन्यथा आने वाला समय उनके लिए बहुत कठिन होगा, जब उन्हें ‘अयोग्य, अकर्मण्य एवं पद लोलुप’ के रूप में देखा जाएगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि नगर क्षेत्र के मतदाता अपने निर्णयों का अपमान करने वालों को भविष्य में कड़ी प्रतिक्रिया देंगे।सपा प्रवक्ता की इस टिप्पणी से स्पष्ट हो गया है कि ददरी मेले के प्रति भाजपा सरकार की मंशा सिर्फ राजनीति है, जिससे बलिया की सांस्कृतिक विरासत को नुकसान पहुँचाया जा रहा है और लोकतांत्रिक संस्थानों का अपमान हो रहा है ।

