Thursday, December 18

आजमगढ़।ऋषि दुर्वासा आश्रम प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकसित ।

ऋषि दुर्वासा आश्रम प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में होगा विकसित ।

 आजमगढ़। प्रदेश सरकार ने धार्मिक पर्यटन स्थलों के विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जनपद स्थित प्राचीन एवं आस्था से जुड़े दुर्वासा ऋषि का आश्रम के पर्यटन विकास की स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री पर्यटन स्थलों के विकास अंतर्गत इस परियोजना के लिए एक करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत हुई है। जिसमें लोगों में हर्ष हैं।

आजमगढ़ को पर्यटन मानचित्र पर विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए पर्यटन विभाग प्रयासरत है। इसी कड़ी में प्राचीन दुर्वासा ऋषि आश्रम का समेकित पर्यटन विकास किया जा रहा है। माना जा रहा है कि दुर्वासा ऋषि आश्रम के आसपास पर्यटक सुविधाओं के विकास से आगंतुकों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस परियोजना के तहत पर्यटन स्थल पर सौंदयीकरण, आधुनिक प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छ

शौचालय, सूचना केंद्र और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इन सुविधाओं के विकसित होने से न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि जिले की पौराणिक धरोहर को भी नई पहचान मिलेगी।

तमसा मंजूषा नदी के संगम पर स्थित दुर्वासा आश्रमः दुर्वासा ऋषि आश्रम जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सावन और कार्तिक मास सहित विभिन्न पर्वों पर प्रतिवर्ष यहां मेले का आयोजन होता है। वैसे प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों का आना जाना लगा रहता है। सरकार का यह कदम न केवल प्रदेश के धार्मिक पर्यटन को नई पहचान देगा, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था और स्थानीय रोजगार के अवसर के अवसर को बढ़ावा मिलेगा। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2022 के अंतर्गत प्राचीन, पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के स्थलों का समेकित पर्यटन विकास किया जा रहा है। अब तक कम चर्चित और अल्पज्ञात स्थलों को भी प्रदेश की पहचान से जोड़ते हुए प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किया जा रहा है। आजमगढ़ का अपना अलग महत्व है। यहां चंद्रमा मुनि आश्रम, दत्तात्रेय मंदिर, भंवर नाथ मंदिर, अवंतिकापुरी घाम, नागा बाबा सरोवर, मेंहनगर किला, निजामाबाद स्थित भगवान गणेश और मां दुर्गा मंदिर, भैरों बाबा, बहिरादेव (पहला देव) सहित कई अन्य रमणीक एवं मनोहारी पर्यटक स्थल जो लोगो को लुभाते हैं।

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