Tuesday, December 16

बलिया।आधार अपडेट कराना हुआ महंगा, आम आदमी पर बढ़ा बोझ

आधार अपडेट कराना हुआ महंगा, आम आदमी पर बढ़ा बोझ

अमर बहादुर सिंह बलिया शहर
डिजिटल इंडिया के दौर में पहचान का अधिकार अब और महंगा हो गया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार कार्ड अपडेट से जुड़ी विभिन्न सेवाओं के शुल्क बढ़ा दिए हैं। अब नाम, पता और जन्मतिथि जैसी सामान्य जानकारी में बदलाव कराने पर पहले जहाँ ₹50 लगते थे, वहीं अब इसके लिए ₹75 खर्च करने होंगे।
इसी तरह KYC अपडेट की फीस भी ₹50 से बढ़ाकर ₹75 कर दी गई है। वहीं 7 से 14 वर्ष की आयु वाले बच्चों के बायोमेट्रिक अपडेट की फीस अब ₹100 से बढ़कर ₹125 हो गई है। इतना ही नहीं, आधार में डेमोग्राफिक अपडेट यानी मोबाइल नंबर, ईमेल, लिंग जैसी जानकारी बदलने की फीस भी ₹100 से बढ़कर ₹125 तय की गई है।
आम जनता का कहना है कि सरकार ने डिजिटल पहचान को महंगा बना दिया है। “आधार-आम आदमी का अधिकार” कहे जाने वाले इस दस्तावेज़ की अपडेट प्रक्रिया अब गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की जेब पर अतिरिक्त बोझ डालेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि UIDAI द्वारा फीस बढ़ाने का सीधा असर उन करोड़ों लोगों पर पड़ेगा, जिन्हें समय-समय पर अपने आधार विवरण में सुधार या अपडेट करवाने की ज़रूरत होती है।
👉 सवाल उठ रहा है कि जब सरकार ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘आम आदमी की पहचान’ की बात करती है, तो क्या पहचान की कीमत बढ़ाना उचित है
आधार कार्ड अब केवल पहचान का साधन ही नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं और सेवाओं का आधार भी है। ऐसे में इसकी अपडेट फीस बढ़ना आम आदमी की जेब पर सीधा असर डालेगा।

अमर बहादुर सिंह बलिया शहर 

डिजिटल इंडिया के दौर में पहचान का अधिकार अब और महंगा हो गया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार कार्ड अपडेट से जुड़ी विभिन्न सेवाओं के शुल्क बढ़ा दिए हैं। अब नाम, पता और जन्मतिथि जैसी सामान्य जानकारी में बदलाव कराने पर पहले जहाँ ₹50 लगते थे, वहीं अब इसके लिए ₹75 खर्च करने होंगे।

इसी तरह KYC अपडेट की फीस भी ₹50 से बढ़ाकर ₹75 कर दी गई है। वहीं 7 से 14 वर्ष की आयु वाले बच्चों के बायोमेट्रिक अपडेट की फीस अब ₹100 से बढ़कर ₹125 हो गई है। इतना ही नहीं, आधार में डेमोग्राफिक अपडेट यानी मोबाइल नंबर, ईमेल, लिंग जैसी जानकारी बदलने की फीस भी ₹100 से बढ़कर ₹125 तय की गई है।

आम जनता का कहना है कि सरकार ने डिजिटल पहचान को महंगा बना दिया है। “आधार-आम आदमी का अधिकार” कहे जाने वाले इस दस्तावेज़ की अपडेट प्रक्रिया अब गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की जेब पर अतिरिक्त बोझ डालेगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि UIDAI द्वारा फीस बढ़ाने का सीधा असर उन करोड़ों लोगों पर पड़ेगा, जिन्हें समय-समय पर अपने आधार विवरण में सुधार या अपडेट करवाने की ज़रूरत होती है।

👉 सवाल उठ रहा है कि जब सरकार ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘आम आदमी की पहचान’ की बात करती है, तो क्या पहचान की कीमत बढ़ाना उचित है

आधार कार्ड अब केवल पहचान का साधन ही नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं और सेवाओं का आधार भी है। ऐसे में इसकी अपडेट फीस बढ़ना आम आदमी की जेब पर सीधा असर डालेगा।

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