Thursday, December 18

बलिया।केवट प्रसंग, शूर्पणखा प्रकरण और सीता हरण का मंचन

केवट प्रसंग, शूर्पणखा प्रकरण और सीता हरण का मंचन

नगरा के रामलीला में सातवें दिन हजारों दर्शकों ने लीला का उठाया लुत्फ 

आचार्य ओमप्रकाश वर्मा

नगरा(बलिय)। सार्वजनिक रामलीला समिति नगर के तत्वावधान में जनता इंटर कॉलेज के प्रांगण में चल रही रामलीला के सातवें दिन सोमवार की रात विभिन्न प्रसंगों का मंचन किया गया। इनमें भगवान श्रीराम और केवट प्रसंग, शूर्पणखा प्रसंग तथा सीता हरण का मंचन विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।

कथा के अनुसार, वनवास के दौरान भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी को नदी पार करनी थी। इस पर नाविक केवट ने भगवान श्रीराम के चरण धोने की शर्त रखी। केवट ने कहा कि भगवान के चरणों की धूल से पत्थर तक जीवन पा जाते हैं। चरणामृत पाकर उसका परिवार धन्य हो जाएगा। मंचन में दिखाया गया कि केवट ने चरण धोकर अपने परिजनों को वह अमृत पिलाया और भगवान के चरणों का स्पर्श कर जीवन का परम सुख पाया। भगवान श्रीराम ने भी उसे मित्रवत स्नेह दिया और आशीर्वाद दिया, तभी पुष्पवर्षा होने लगी। माता सीता ने भी अपनी अंगूठी भेंटस्वरूप दी। इस भावपूर्ण दृश्य से पूरा पंडाल “जय श्रीराम” के जयघोष से गूंज उठा।

इसी क्रम में शूर्पणखा प्रकरण का भी मंचन किया गया। रावण की बहन शूर्पणखा ने भगवान श्रीराम को देखकर प्रणय निवेदन किया। असफल होने पर उसने लक्ष्मण के समक्ष भी वही निवेदन किया। जब लक्ष्मण ने भी मना कर दिया तो वह क्रोधित होकर माता सीता पर हमला करने लगी। लक्ष्मण ने उसके नाक-कान काट दिए, जिससे अपमानित शूर्पणखा अपने भाई रावण के पास गई।

इसके बाद सीता हरण का मंचन हुआ। रावण ने अपने मामा मारीच को स्वर्ण मृग का रूप धरने का आदेश दिया। भगवान राम और लक्ष्मण के दूर जाने के बाद रावण साधु का वेश धरकर आया और भिक्षा मांगते हुए माता सीता को रेखा पार करने के लिए विवश कर दिया। तत्पश्चात रावण ने उनका हरण कर पुष्पक विमान से लंका की ओर प्रस्थान किया। मार्ग में जटायु ने रावण को रोकने का प्रयास किया, लेकिन रावण ने उसे घायल कर दिया।

भावपूर्ण मंचन ने दर्शकों को रामायण की घटनाओं से आत्मसात कर दिया और वातावरण भक्तिमय बना रहा।

कार्यक्रम में निर्भय प्रकाश, राजेश गुप्ता, रामायण ठाकुर, सुनील गुप्ता, ओके जायसवाल, केपी यादव, शशि प्रकाश कुशवाहा, राम दर्शन यादव, क्रांति राजू चौहान, जयप्रकाश जयसवाल सहित कई लोग उपस्थित रहे। समिति की ओर से अतिथियों का सम्मान किया गया।

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