
संतान के लिए माताएं जीवित्पुत्रिका का रखी व्रत
आचार्य ओमप्रकाश वर्मा
नगरा(बलिया)। सनातन संस्कृति में जीवित्पुत्रिका व्रत का खास महत्व है. माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र व शुभ समृद्धि के लिए जीवित्पुत्रिका का निर्जला व्रत रविवार को रखेंगी. शनिवार को बाजार में जीवितीय गुथवाने के लिए दुकानों पर भीड़ लगी रही. उजियार निवासी कथा वाचक आचार्य सांवरे जी शास्त्री ने बताया कि 14 सितंबर रविवार को जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाएगा. 15 सितंबर की सुबह 6:27 मिनट के बाद पारण किया जा सकता है. नगरा सहित मालीपुर बिशनपुरा, बिहरा, हरपुर बाजार में व्रत के लिए चिवड़ा, चीनी का सादा लड्डू, चावल आदि सामानों की खरीदारी की. रीता, उषा, बेचनी व सरिता आदि ने बताया कि जिवितिया का व्रत संतान की दीर्घायु और मंगल कामना के लिए माताएं करती हैं. यह व्रत मां की ममता का संकल्प है. जिसमें संतान की लंबी सांसों की कामना की जाती है. व्रत निर्जला तपस्या संतान की सुख समृद्धि की अभिलाषा है. मातृ शक्ति अपने पुत्र की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करते हुए पूरे 24 घंटे निर्जला उपवास कर व्रत रहती हैं.

