
भरतपुर विद्यालय में अनियमितताओं पर अधिकारियों की नरमी, ग्रामवासी आक्रोशित।
बी एस ए की टीम द्वारा की गई जांच, मिली अनियमितता।
प्रभारी प्रधानाध्यापक को हटाने पर अड़े ग्रामवासी।
शरद बिंद/ भदोही।
भदोही, विकासखंड डीघ के कंपोजिट विद्यालय भरतपुर में व्याप्त अव्यवस्था और अनियमितताओं की शिकायतों की जांच के लिए शुक्रवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) भदोही सहित खंड शिक्षा अधिकारी मनोज सिंह और प्रदीप मिश्रा की टीम विद्यालय पहुंची। जांच के दौरान इंचार्ज प्रधानाध्यापक ने हाल ही में कराए गए कार्यों को अपनी सफाई के रूप में प्रस्तुत किया, लेकिन ग्रामवासियों ने इसे दिखावटी करार दिया।
26 अगस्त 2025 को ग्रामवासियों ने खंड शिक्षा अधिकारी वेद प्रकाश यादव को विद्यालय की बदहाल स्थिति, गंदगी, टूटे शौचालय और अव्यवस्था दिखाई थी। उस समय अधिकारियों ने इंचार्ज का पक्ष लिया था। इसके बाद शिकायतों के दबाव में विद्यालय में सफाई, घास कटाई, टूटी खिड़कियों की मरम्मत, शौचालय की सफाई और बाउंड्री वॉल का निर्माण शुरू हुआ। ग्रामवासियों का आरोप है कि यह सब केवल जांच से पहले दिखावे के लिए किया गया।
निरीक्षण के दौरान मिड-डे मील की स्थिति भी चिंताजनक रही। ग्राम प्रधान द्वारा उपलब्ध कराई गई सामग्री के बावजूद बच्चों को सिर्फ चावल, हल्दी, नमक और पानी से बनी तहरी परोसी गई। कई बच्चे भोजन न मिलने से भूखे रह गए, और न तो इंचार्ज ने और न ही अधिकारियों ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था की। विद्यालय भवन की रंगाई-पुताई नहीं हुई, बाउंड्री वॉल पर काई जमी है, और ध्वजदंड भी जर्जर है।
बीएसए ने ग्रामवासियों से इंचार्ज को 15-20 दिन की मोहलत देने की अपील की, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से उपेक्षित विद्यालय में अब केवल शिकायतों के दबाव में दिखावटी कार्य किए जा रहे हैं। वे सवाल उठाते हैं कि पिछले तीन सालों के लगभग सवा दो लाख रुपये का क्या हुआ?
जांच के बाद आईजीआरएस शिकायतों के निस्तारण के लिए शिकायतकर्ताओं से हस्ताक्षर मांगे गए, लेकिन सभी ने इंकार कर दिया। उनका कहना था कि जब तक वर्तमान इंचार्ज हटाए नहीं जाएंगे, वे किसी निस्तारण पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। ग्रामीणों का गुस्सा अधिकारियों की नरमी और इंचार्ज को संरक्षण देने के रवैये पर उबल रहा है।

