
ईद मिलादुन्नबी पर नगरा में निकला भव्य जुलूस ए मुहम्मदी, अमन-चैन का गूंजा पैगाम।
आचार्य ओम प्रकाश वर्मा
नगरा (बलिया)। शुक्रवार को इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हजरत मुहम्मद साहब की यौमे पैदाइश के अवसर पर नगरा क्षेत्र में ईद मिलादुन्नबी का जश्न पूरे उल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर मदरसा अरबिया खादेमुल इस्लाम और अली ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में जुलूस ए मुहम्मदी निकाला गया, जिसमें हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। हाथों में इस्लामी झंडा और तिरंगा थामे लोग “सरकार की आमद मरहबा” के नारे बुलंद करते नजर आए। बच्चों ने विशेष रूप से अमन और भाईचारे का संदेश दिया, वहीं गुम्बद-ए-खिदरा और मक्का शरीफ की आकर्षक झांकियों ने लोगों का मन मोह लिया।
जुलूस का शुभारंभ रोशन शाह दाता की मजार से हुआ, जो परंपरागत मार्गों से होते हुए मक्का जामा मस्जिद पर जाकर संपन्न हुआ। पूरे रास्ते जुलूस का नजारा देखने लायक था। ढोल-नगाड़ों की गूंज, रोशनियों से जगमगाते रथ और झांकियों की भव्यता ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। थानाध्यक्ष अजय कुमार त्रिपाठी ने स्वयं मौजूद रहकर जुलूस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान पुलिस बल के जवान लगातार मुस्तैद नजर आए और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।
ईद मिलादुन्नबी के इस अवसर पर गंगा-जमुनी तहजीब की अद्भुत मिसाल भी देखने को मिली। जुलूस में मुस्लिम समाज के साथ-साथ हिंदू समाज के कई गणमान्य लोग भी शामिल हुए। इनमें पूर्व प्रधान आयकर आयुक्त सुबचन राम, चेयरमैन प्रतिनिधि उमाशंकर राम और डॉ. डीएन प्रसाद प्रमुख रहे। इनके अलावा एडवोकेट शफीक अहमद, इश्तेयाक अहमद, रिजवान भाई, सभासद रियाजुद्दीन राईन, पप्पू कुरैशी, भोलू कुरैशी, अयान इश्तेयाक, अरबाज, नाजिर समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
जुलूस के दौरान जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए थे और लोगों ने फूलों की वर्षा कर प्रतिभागियों का स्वागत किया। क्षेत्र के डिहवा, नरही, ताड़ीबड़ा, पडरी, जमीन पड़सरा, खनवर और गोठाई समेत कई गांवों में भी यह त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शाम तक पूरे इलाके में उत्सव का माहौल छाया रहा।
थानाध्यक्ष अजय कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने लगातार गश्त की और कहीं भी किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई। जुलूस संपन्न होने के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद मिलादुन्नबी की मुबारकबाद दी। पूरा नगरा क्षेत्र भाईचारे और मोहब्बत के रंग में सराबोर नजर आया, जिसने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह मिट्टी हमेशा से अमन-चैन और इंसानियत का संदेश देती रही है।

