Wednesday, December 17

बदायूँ।शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए खेलों को अपनाएं छात्राएं- एडीजे

शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए खेलों को अपनाएं छात्राएं- एडीजे

बदायूँ । उउ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुक्रम में एवं  जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के निर्देशानुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा शुक्रवार को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर विधिक साक्षरता व जागरूकता शिविर का आयोजन मदर पब्लिक स्कूल, बदायूं में आयोजित किया गया।

उक्त शिविर का शुभारम्भ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं शव कुमारी की अध्यक्षता में मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित किया गया। इसी कम में उक्त विद्यालय के छात्र-छात्राओं की 02 टीमें ए और बी के रूप में गठित कर खो-खो एवं कबड्डी प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें प्रथम टीम से प्रथम स्थान पर चयनित प्रतिभागी छात्रा सुश्री ओजस्वी, द्वितीय स्थान पर चयनित सर्वश्रेष्ठ खिलाडी छात्रा सुश्री प्रतिज्ञा, द्वितीय टीम से प्रथम स्थान पर चयनित सर्वश्रेष्ठ खिलाडी छात्रा सुश्री अनवेशा द्वितीय स्थान पर चयनित सर्वश्रेष्ठ खिलाडी छात्रा सुश्री दिव्याशी, जैन को ए०डी०जे०/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूँ के द्वारा प्रस्शति-पत्र व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इसी कम में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं श्रीमती शिव कुमारी द्वारा अपने वक्तव्य में कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्राओं को 29 अगस्त को, हम अपने महान हॉकी खिलाड़ी, मेजर ध्यानचंद की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मना रहे हैं। खेल दिवस के लिए वक्तव्य में मेजर ध्यानचंद को याद करते हुए शारीरिक स्वास्थ्य और खेल के महत्व पर जोर दिया जाता गया, खेल से सभी को एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है। यह दिन न केवल उनके असाधारण खेल कौशल का सम्मान करने का दिन है, बल्कि हमारे जीवन में खेलों के महत्व को याद करने का भी दिन है। खेल हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने से कहीं ज्यादा सिखाते हैं। ये टीम वर्क, अनुशासन, धैर्य और नेतृत्व जैसे महत्वपूर्ण जीवन के सबक सिखाते हैं। ये एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करते हैं और धरित्र निर्माण करते हैं। मेजर ध्यानचंद को ’हॉकी का जादूगर’ कहा जाता है। उन्होंने अपने जादुई खेल से हमारे देश को गौरवान्वित किया है। हम उनके समर्पण, कड़ी मेहनत और खेल भावना से प्रेरणा लेते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि जीत से ज्यादा खेल में भाग लेना और खेल भावना महत्वपूर्ण है। हमें अपने शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए खेलों को अपनाना चाहिए। आइए, आज हम सब यह प्रण लें कि हम अपने जीवन में खेलों को अपनाएंगे और एक स्वस्थ और सक्रिय भविष्य की ओर बढ़ेंगे।

शिविर के अन्त में सभी छात्राओं को अपने वक्तव्य में बताया कि छात्राओं को शिक्षित होना चाहिऐ व अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक होना चाहिए। इसके अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क विधिक सेवायें प्रदान की जाती है, यदि किसी प्रकार पीड़ित के अधिकारों का उल्लंघन होता है तो वह अपने शिकायती प्रार्थना-पत्र कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं व सम्बन्धित थाना में निःसंकोच केस दर्ज करा सकते हैं, एवं साथ ही कार्यकम में उपस्थित छात्राओं से आह्नावान किया गया कि अपने आस-पास के परिवेश में अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें, तथा स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखें एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के टोल फ्री नम्बर 15100 पर भी कॉल कर विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं, इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में, जिला प्रोबेशन कार्यालय की तरफ से श्रीमती छवि वैश्य, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं का स्टाफ व असिस्टेन्ट, एल०ए०डी०सी०एस० सुश्री कशिश सक्सेना एवं पराविधिक स्वयं सेवकगण, मदर पब्लिक स्कूल, बदायूं की प्रभारी प्रधानाचार्या डॉ० दीपाशिखा पन्त व विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। इसके उपरान्त शिविर के अध्यक्ष की अनुमति से उक्त शिविर का समापन किया गया। इसके अतिरिक्त 13 सितम्बर 2025 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन स्तर पर सुलह समझौते के आधार पर आप अपने वादों का निस्तारण करा सकते हैं।

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