Wednesday, December 17

आजमगढ़।हरतालिका तीज मंगलवार को, बाजारों में दिखी रौनक।

हरतालिका तीज मंगलवार को, बाजारों में दिखी रौनक।

सुहाग की रक्षा को महिलाएं रखेंगी 24 घंटे का निराजल व्रत।

साज श्रृंगार खरीदने और मेहंदी लगवाने में जुटी रही।

आजमगढ़/लालगंज।अपने सुहाग की रक्षा के लिए सुहागिन महिलाएं मंगलवार को तीज व्रत के अवसर पर उपवास रखेंगी। इस दौरान महिलाएं सुहाग की लंबी आयु के लिए निराहार व निर्जला रहकर 24 घंटे का व्रत करेंगी। तीज को लेकर पूजन सामग्री से पूरा बाजार पटा पड़ा है।महिलाएं साज श्रृंगार और मेहंदी लगवाने में जुटी रही तो बाजार में सौंदर्य प्रसाधन व कपड़ों की दुकान पर भीड़ बढ़ी रही।भारत का प्रमुख त्योहार हरतालिका व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन किया जाता है।इस दिन गौरी शंकर का पूजन किया जाता है। विद्वानों का कहना है कि यह व्रत हस्त नक्षत्र में होता है। इसे सभी कुंवारी युवतियां तथा सौभाग्यवती महिलाएं ही करती हैं। लेकिन हमारे पौराणिक शास्त्रों में इसके लिए सधवा-विधवा सबको आज्ञा दी गई है। उन्होंने इस व्रत को हरतालिका इसलिए कहते हैं कि इस व्रत को सुहागवती महिलाओं के साथ-साथ सुंदर वर की कामना रखने वाली कुंवारी कन्याएं भी कर सकती हैं। व्रत के दिन संध्या समय स्नान करके शुद्ध व उज्जवल वस्त्र धारण करें। उसके बाद पार्वती और शिव की सुवर्णयुक्त या मिट्टी की प्रतिमा बनाकर विधि विधान से पूजन करें।इसके बाद सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी सामग्री सजा कर रखें,फिर इन वस्तुओं को पार्वती जी को अर्पित करें। शिवजी को धोती और अंगोछा अर्पित करें। उसके बाद सुहाग सामग्री किसी ब्राह्मणी को और धोती अंगोछा ब्राह्मण को दे दे। इस प्रकार पार्वती और शिव का पूजन आराधना कर हरितालिका व्रत कथा सुनें।

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