
नशा मुक्त समाज विकसित भारत के लिए अपरिहार्य
आजमगढ़।राजकीय महिला महाविद्यालय, अहिरौला में सोमवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से नशा मुक्त भारत अभियान से सम्बन्धित संगोष्ठी कार्यक्रम व शपथ का आयोजन प्राचार्य प्रो. महेन्द्र प्रकाश की अध्यक्षता में किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राकेश कुमार यादव ने भारत को नशा मुक्त करने के लिये युवाओं को बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। संगोष्ठी में अपनी बात रखते हुये प्राचार्य ने बताया कि नशा मुक्त समाज विकसित भारत के लिए अपरिहार्य है। सोलह करोड़ से अधिक लोग नशा में संलिप्त हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा वर्ष 2020 से चलाये जा रहे नशा मुक्त भारत अभियान के तहत लगभग चार सौ जिलों को चिन्हित कर उसमें नशीले पदार्थों के प्रयोग को सीमित एवं उन्मूलित करने के प्रयास निरन्तर किये जा रहे हैं। नशा से समाज को हानि तो पहुँचती ही है अपितु परिवार का विघटन होने के साथ-साथ स्वास्थ्य पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। वाणिज्य विभाग के डॉ. प्राणनाथ सिंह यादव ने बताया कि नशा करने वाले व्यक्तियों में अनेक प्रकार के रोग जन्म लेते हैं जिनका इलाज करना कठिन व महँगा होता है। जन्तु विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जमालुद्दीन अहमद ने युवाओं में ड्रग के प्रति बढ़ती लत और इसके दुष्प्रभावों को रेखांकित किया। भौतिकी विषय के डॉ. प्रज्ञानन्द प्रजापति ने कहा कि जनजागरूकता के माध्यम से नशे के दुष्परिणाम में कमी लायी जा सकती है। संगोष्ठी के उपरान्त उपस्थित सभी छात्राओं को नशा मुक्त भारत की शपथ दिलायी गयी। इस अवसर पर सभी कर्मचारी व भारी संख्या में छात्रायें उपस्थित रहीं।
