
जमीन के बैनामें में तय दलाली के रूपए न मिलने पर साले ने की बहनोई की हत्या ।
बदायूँ।जनपद के थाना बिनावर के कस्बा विजय नगला में कुछ दिन पहले भाजपा मंडल उपाध्यक्ष सुरेश चंद्र गुप्ता की हत्या कर पानी की टंकी के पास लाश डाल दी थी ।वहीं पुलिस ने भाजपा नेता सुरेश चंद्र गुप्ता की हत्या का खुलासा ने कर दिया है।जमीन के बैनामे में तय दलाली की रकम न मिलने पर भाजपा नेता की हत्या उनके सगे साले ने कर दी थी ।थाना पुलिस ने मृतक के साले धर्मेंद्र गुप्ता को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया ।
29 जुलाई की रात को भाजपा नेता सुरेश गुप्ता अपने बेटे राहुल की गैरमौजूदगी में उसकी जगह ड्यूटी करने गए थे। राहुल जनजीवन मिशन में चौकीदार है। गांव की पानी की टंकी पर उसकी ड्यूटी थी लेकिन मृतक का बेटा किसी काम से दिल्ली गया था। उसकी जगह पर सुरेश चले गए थे।वहीं रात किसी समय धारदार हथियार से वार करके भाजपा नेता की हत्या कर दी गई।वहीं पुलिस की जांच में पता चला कि मृतक सुरेश का सगा साला धर्मेन्द्र गुप्ता निवासी विजय नगला जो मूल रूप से शाहजहांपुर का रहने वाला है और वहां से लगभग 25 वर्ष पूर्व सपरिवार विजय नगला में आकर स्थायी रूप से बस गया था। धर्मेंद्र पर कई मुकदमे दर्ज हैं। मुकदमो की पैरवी व खर्चों के लिए धर्मेंद्र ने पैसे के लालच में धोखे से 26 जून को सामूहिक पारिवारिक जमीन को अपने बहनोई मृतक सुरेश के पिता विशुनलाल गुप्ता से इनके पारिवारिक व्यक्ति अजय गुप्ता निवासी सिकरोड़ी के नाम एक बीघा आठ बिस्वा जमीन का बैनामा करवा दिया था। बैनामा करने के नाम धर्मेंद ने एक लाख बीस हजार रुपये अजय गुप्ता से तय कर लिए थे । जब इस बैनामे के सम्बन्ध में जानकारी सुरेश चंद्र गुप्ता को हुई तो उन्होने इसका विरोध करते हुए सपरिवार बैनामे के दाखिल खारिज के विरुद्ध मुकदमा कोर्ट में दर्ज करा दिया।
भाजपा नेता सुरेश के मुकदमा दर्ज करने पर की थी हत्या
मुकदमा दर्ज होने की जानकारी जब अजय गुप्ता को हुई तो उसने धर्मेन्द्र को पैसे देने से मना कर दिया। तब धर्मेन्द्र गुप्ता ने अजय गुप्ता से तय रुपए एक लाख बीस के लिए उस पर दबाव डालकर धमकी दी । इसी रकम को न मिलता धर्मेन्द्र गुप्ता ने अपने बहनोई को सबक सिखाने की मन में ठान ली थी और मैं मौके की तलाश में रहने लगा। भाजपा नेता का पुत्र राहुल जब दिल्ली गया तो उसकी जगह सुरेश के जाने का पता धर्मेंद्र को चल गया और वह रात में वहां पहुंच गया ।और रात करीब साढ़े 11 बजे अपने घर से ड्यूटी जाने को निकले तो धर्मेंद्र ने उनको अकेला जाता देख आवाज दी और उनके साथ चलने को कहा। टंकी के पास जाकर उसने लकड़ी की फंटी से सुरेश चन्द गुप्ता के पैर पर वार किया, जिससे वह लड़खड़ाकर गिर गए। इसके बाद उसी फंटी से उसने अपने बहनोई के सिर पर वार कर दिया जिससे सुरेश वहीं पक्की इंटरलाकिंग ईंट पर गिर गए। सुरेशचन्द्र को मरणासन्न अवस्था में छोड़कर अभियुक्त धर्मेन्द्र गुप्ता वहां से भाग गया।

