
कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मुकदमे को लेकर जौनपुर में जोरदार विरोध प्रदर्शन, राज्यपाल को सौंपा गया मांग पत्र
जौनपुर। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत कई नेताओं के खिलाफ दर्ज फर्जी मुकदमे के विरोध में जौनपुर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार धरना-प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और महामहिम राज्यपाल को संबोधित मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा।
धरने को संबोधित करते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि “भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए फर्जी मुकदमे दर्ज करा रही है। प्रदेश में भ्रष्टाचार और गुंडाराज चरम पर है। 10 जुलाई को वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, जिला अध्यक्ष और अन्य नेताओं पर दर्ज मुकदमा इसी तानाशाही रवैये का परिणाम है।”
उन्होंने आगे कहा, “योगी आदित्यनाथ की सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या कर रही है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था ध्वस्त है। हर दिन हत्या और बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। युवा बेरोजगारी से त्रस्त हैं, स्कूलों को बंद कर शिक्षा व्यवस्था को चौपट किया जा रहा है।”
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आरिफ खान ने कहा कि भाजपा सरकार अपनी विफलताओं और भ्रष्टाचार के खुलासों से डरी हुई है, इसलिए विपक्षी नेताओं को फर्जी मामलों में फंसाकर दमनकारी नीतियों का सहारा ले रही है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत अन्य नेताओं पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की।
इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के प्रदेश सचिव सत्यवीर सिंह, देवराज पांडेय, विनय तिवारी, देवेंद्र मिश्र बबलू, शहनवाज हुसैन, लाल प्रकाश पाल, राकेश मिश्रा, उस्मान अली, मनभावती दूबे, अनिल दूबे आज़ाद, इरशाद खान, अश्वनी मौर्य, शैलेन्द्र यादव, अजीत सिंह, शशांक शेखर तिवारी बंटी, अमन सिन्हा, जयमंगल यादव, करुणा शुक्ला चतुर्वेदी रिंकू, अरुण शुक्ला, धर्मेन्द्र मिश्रा, लव गुप्ता, प्रवेश कुमार निषाद, संदीप निषाद, आजम जैदी, कृष्णचंद निषाद, इकबाल हुसैन, अरविंद यादव, असरफ, इरशाद खान राजू, महात्मा शुक्ला, सुनील दुबे, मुहम्मद ताहिर, कृष्ण कुमार यादव, केके यादव, कार्तिक मौर्या, अजीम शेख, अर्जुन पंजाबी, विजय कुमार प्रजापति, सुनील यादव, प्रेमचंद मौर्या समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।
प्रदर्शन के अंत में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार से मुकदमा तत्काल वापस लेने की मांग की और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।

