Monday, December 15

बलिया।प्राथमिक शिक्षक संघ बलिया ने स्कूल मर्जर आदेश निरस्त करने हेतु प्रभारी मंत्री को सौंपा ज्ञापन।

प्राथमिक शिक्षक संघ बलिया ने स्कूल मर्जर आदेश निरस्त करने हेतु प्रभारी मंत्री को सौंपा ज्ञापन।

 संजीव सिंह बलिया। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद बलिया द्वारा प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर स्कूल मर्जर के आदेश को निरस्त करने की मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण ज्ञापन जनपद के प्रभारी मंत्री एवं उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ जी को सौंपा गया। यह पत्र माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को संबोधित करते हुए मंत्री श्री मिश्र को प्रेषित किया गया।

इस अवसर पर जिला प्राथमिक शिक्षक संघ बलिया के पदाधिकारियों एवं सैकड़ों शिक्षकों की उपस्थिति में एक संगठित एवं शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन सौंपा गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने की, जबकि संचालन जिला मंत्री राधेश्याम पाण्डेय ने किया।

उपस्थित प्रमुख पदाधिकारियों में मुरली छपरा के अध्यक्ष शशिकांत जी, नगरा के अध्यक्ष ब्रजेश कुमार सिंह ‘तेगा’, मंत्री राजीव नयन पाण्डेय, अटेवा नगरा के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, संयोजक गड़वार विजय कृष्ण सिंह, मंत्री मुरली छपरा धर्मेंद्र शर्मा, प्रदीप कुमार उपाध्याय (मुरली छपरा) एवं मनियर के अध्यक्ष अजीजुर रहमान खान प्रमुख रूप से सम्मिलित रहे।

सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि स्कूल मर्जर का निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित करेगा और छात्र संख्या में कमी के नाम पर स्कूलों को बंद करना एक अनुचित कदम है। इससे दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में बच्चों की शिक्षा बाधित होगी और शिक्षकों का मनोबल भी गिरेगा।

शिक्षक संघ ने यह भी मांग रखी कि इस निर्णय को अविलंब वापस लिया जाए और शिक्षकों से संवाद कर भविष्य की योजनाओं को क्रियान्वित किया जाए। उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती है तो राज्य स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

कार्यक्रम में शिक्षकों का उत्साह, अनुशासन और एकजुटता देखते ही बनती थी। ज्ञापन सौंपते समय प्रभारी मंत्री ने आश्वस्त किया कि वे शिक्षकों की भावनाओं को मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे और इस विषय पर शीघ्र वार्ता कर समाधान की दिशा में कदम उठाएंगे।

इस पूरे कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में शिक्षक गण उपस्थित रहे और अपनी एकता का परिचय दिया। यह आयोजन प्राथमिक शिक्षक संघ की संगठित शक्ति और शिक्षकों की समस्याओं के प्रति उनकी जागरूकता का प्रत्यक्ष प्रमाण था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *