Sunday, December 21

बलिया।शिक्षा उद्योग नहीं कि घाटा लगते ही बंद कर दिया जाए, मर्जर योजना से गरीबों के बच्चों के शिक्षा पर पड़ेगा असर ..कान्हजी 

शिक्षा उद्योग नहीं कि घाटा लगते ही बंद कर दिया जाए, मर्जर योजना से गरीबों के बच्चों के शिक्षा पर पड़ेगा असर ..कान्हजी 

 संजीव सिंह बलिया। प्रदेश सरकार द्वारा कम छात्र संख्या का बहाना बनाकर प्राथमिक स्कूलों के मर्जर योजना का शिक्षक संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री सुशील कुमार पाण्डेय कान्हजी ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में गरीब का बच्चा पढ़ता है। जबकि सरकार इन विद्यालयों को निवेश का जरिया मान रही है। यह कोई उद्योग नहीं है कि निवेश में घाटा लगते ही उसे बंद कर दिया जाए।

    कान्हजी ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में गांव में रहने वाले गरीब के बच्चे पढ़ न सकें, इसका कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। सरकार गरीबों के बच्चों को शिक्षा से पूरी तरह से वंचित कर देना चाहती है। विद्यालय बंद होंगे तो ये कहां पढ़ने जाएंगे। यह योजना शिक्षा के अधिकार अधिनियम का अवहेलना है शिक्षक नेता ने कहा कि यह सिर्फ स्कूलों का मर्जर योजना नहीं है। इससे बेसिक शिक्षा पूरी तरह से ध्वस्त हो जाएगी। आशंका जाहिर किया कि सरकार प्रदेश में पहले पचास प्रतिशत विद्यालयों को बंद करेगी फिर सौ फीसदी विद्यालयों को बंद कर देगी। लेकिन शिक्षक इसका जमकर विरोध करेंगे। इसके लिए आंदोलन करना पड़े तो वह भी किया जाएगा।

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