
योग को केवल एक दिन नहीं बल्कि पूरे जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए : जितिन प्रसाद
शाहजहांपुर में योग दिवस पर मौजूद रहे केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद और जनपद प्रभारी माला श्रीवास्तव
मुजीब खान
शाहजहांपुर ।आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जनपद शाहजहांपुर के गांधी फैज़ ए आम डिग्री कालेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम में केंद्र सरकार के मंत्री जितिन प्रसाद ने क्षेत्रीय जनता अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के साथ योग किया इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने योग दिवस के कार्यक्रम में आयोजित स्वास्थ्य कैंप का फीता काटकर शुभारंभ किया केंद्रीय मंत्री के पहुंचने पर जनपद के जिला अधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह मुख्य विकास डाक्टर अपराजिता सिंह जिला युवा कल्याण अधिकारी मयंक भदौरिया ने उनका स्वागत किया कार्यक्रम के सम्पन्न होने के बाद अतिथियों को जिला प्रशासन की ओर से जिला अधिकारी द्वारा प्रतीक चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।
विश्व योग दिवस पर जीएफ कालेज मैदान पर शनिवार को आयोजित योगाभ्यास कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद सहित जनपद की प्रभारी माला श्रीवास्तव ने जनपद के अधिकारियों जनप्रतिनिधियों और जनपद वासियों के साथ योगाभ्यास किया। इस दौरान बड़ी संख्या में क्षेत्रीय लोग महिलाएं और स्कूली बच्चे शामिल रहे। योग शुरू होने से पहले लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन सुना। कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान के के केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि योग को केवल एक दिन नहीं बल्कि पूरे जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। जिस तरह की जीवन शैली हो गई है,उसमें हर कोई मानसिक स्वास्थ्य की बात कर रहा है। बहुत सारे लोगों को कंसंट्रेशन, स्ट्रेस की प्रॉब्लम होती है। कई तरह के कन्फ्यूजन होते है। यानी मानसिक विचारों में स्पष्टता नहीं होती है। ऐसे में योग इन तमाम समस्याओं का समाधान है, किंतु यह सारे लाभ आपको तभी महसूस होंगे जब आप योग को नियमित रूप से अपने जीवन में शामिल करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बार का अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का कार्यक्रम बेहद खास है। इस बार हम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के 10 वर्ष पूर्ण कर रहे हैं और 11वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत से शुरू योग का लाभ को दुनिया से कोने-कोने में पहुंच रहा है। धीरे-धीरे बड़ी संख्या में दुनिया के तमाम देश योग को अपना रहे हैं। आज पूरी दुनिया मान रही है,यह हम सबके लिए बेहद गौरव का विषय है। कि दुनिया के 192 देश इस योग से जुड़े हैं। यह भारतीय परंपरा की सबसे बड़ी जीत है।

