
सीएमओ की उपस्थिति में हुई सांझा प्रयास एवं प्रसार संस्था की गर्भ निरोधक सेवाओं पर मीडिया कार्यशाला
मुजीब खान
शाहजहांपुर / प्रसार संस्था एवं सांझा प्रयास के संयुक्त तत्वाधान में सुरक्षित गर्भ समापन एवं गर्भ निरोधक सेवाओं को लेकर आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में एक मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया इस दौरान अनचाहा गर्म और गर्भपात पर चर्चा करते हुए प्रसार संस्था के सचिव शिशुपाल ने सभी का स्वागत करते हुए बताया कि जहाँ एक तरह सरकार अपने विभिन्न विभागों के ग्राम समन्वय कर इस कुरीति को दूर करने के लिए कृतसंकल्पित है। वहीं मीडिया का एक नेटवर्क सांझा प्रयास मीडिया के साथ इस मुद्दे पर निरन्तर प्रयासरत है। इसी कड़ी में आज का यह कार्यक्रम मीडिया के साथ किया जा रहा है।
कार्यक्रम के दौरान शिशुपाल ने प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुतीकरण करते हुए बताया कि एसटीपी एक्ट संशोधन 2021 के मुख्य पांच बदलाव पहला-विशेष अणियों की महिलाओं के लिए गर्भपात की ऊपरी सीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया। दूसरा-पर्याप्त मूण विकृति के मामलों में, गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भपात, मेडिकल बोर्ड की अनुमति से कराया ना सका है। तीसरा-गर्भनिरोधक साधनों की विफलता की स्थिति में अब गर्भपात की सेवा अविवाहित महिलाओं के सिर भी उपलब्ध है। चौथा 20 सप्ताह तक के गर्भपात के लिए केवल एक प्रशिक्षित डॉक्टर और 20 से 24 के लिए 2 प्रशिक्षित डॉक्टरों की राय जरूरी है। पाचवा किसी भी महिला की गर्भपात सम्बन्धी जानकारी की गोपनीयता के सुदुद्धीकरण पर ज्यादा जोर दिया गया है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि मुख्य चिकित्रण अधिकारी, डाक्टर विवेक कुमार मिश्रा ने बताया कि भारत में प्रतिदिन 13 महिलाओं की असुरक्षित गर्भपात से संबंधित कारणों से मृत्यु ही जाती है और सैकड़ों महिलाएं संगीर जटिलताओं का सामना करती है। यानि देश में होने वाली मातृ-मृत्यु में से 8 प्रतिशत असुरक्षित गर्भपात के कारण होती है। यदि किसी महिला को माहवारी के दिन चढ़ गये हो या उसे अनचाहे गर्म के ठहरने की आपका हो तो उसे बिना किसी देरी के नजदीकी आशा या एएनएस से संपर्क करना चाहिए या डॉक्टर को दिखाना चाहिए। उन्होंने बताया कि यदि मई 2024 तक का ही ती संभोधित एमटीपी एक्ट 1121 के तहत गर्भपात कराया जा सकता है। अगर गर्म सप्ताह तक का हो तो गोलियों द्वारा गर्भपात भी किया जा सकता है। गर्भपात जितना जल्दी कराया जाये उतना ही सरल और सुरक्षित होता है। उन्होंने बार बार गर्भ समापन से महिलाओं में बढ़ते कुपोषण का भी जिक्र किया ।
अपने सम्बोधन में जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि एक महिला के लिए गर्भपात एक मुश्किल निर्णय ही सकता है और वह प्रक्रिया के दौरान कई की भावनाओं का अनुभव करती है। उसके पति एवं परिवार की महिला के निजी में सहयोग देना चाहिए और उसकी सुरक्षित और कानूनन सेवाएं लेने में मदद करनी बाहिया सही जानकारी और आपसी सहयोग से हम देश में ही रही असुरक्षित गर्भपात संबंधित जटिलताओं की संख्या कम कर सकते हैं।
इस मौके पर शाहजहांपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी विवेक मिश्रा अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी पीपी श्रीवास्तव नोडल अधिकारी मनोज मिश्रा अपर स्वास्थ्य अधिकारी घनश्याम एवं करण सिंह सहित अपर शोध अधिकारी एस एन त्रिपाठी विमला बहन संरक्षण विनोबा सेवा आश्रम कुमार शिवराज सिंह, सलाहकार कार्यक्रम निदेशक कमला सिंह साझा प्रयास ने अपने विचार व्यक्त किया।

