Tuesday, December 16

अल्मोड़ा। प्रांतीय  उद्योग व्यापार मंडल ने नगर की समस्या को लेकर जिलाधिकारी से की चर्चा

अल्मोड़ा। प्रांतीय  उद्योग व्यापार मंडल ने नगर की समस्या को लेकर जिलाधिकारी से की चर्चा

अल्मोड़ा ।कपिल

प्रांतीय उद्योग जिला एवं नगर व्यापार मंडल और वरिष्ठ व्यापारियों द्वारा आज जिलाधिकारी अल्मोड़ा से मुलाकात की गई, जिसमें अल्मोड़ा नगर की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए चर्चा की गई। व्यापार मंडल ने नगर की सुरक्षा के लिए नगर के प्रमुख बाजारों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर जिलाधिकारी ने शीघ्र वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक कर कैमरे लगाने का कार्य जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया।इसके अलावा, व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुशील साह ने ऐतिहासिक अल्मोड़ा बाजार में दो स्वागत द्वार (मिलन चौक और पलटन बाजार) बनाने का प्रस्ताव रखा। जिलाधिकारी ने इस पर शीघ्र धन आबंटन की बात की। सुशील साह ने यह भी बताया कि पूर्व में जिलाधिकारी वंदना सिंह द्वारा नगर पालिका को दस लाख रुपए आबंटित किए गए थे, लेकिन वह निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका, जबकि सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी थीं।

यातायात की समस्याओं को देखते हुए व्यापार मंडल ने मांग की कि निर्माणाधीन पार्किंगों को शीघ्र पूरा कर आम जनमानस और पर्यटकों को पार्किंग की समस्या से राहत दी जाए। जिलाधिकारी ने इस पर एक पार्किंग जल्दी शुरू करने का आश्वासन दिया।व्यापार मंडल ने नगर की सफाई और सुव्यवस्थापन के लिए वेंडर जॉन की जरूरत पर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि अनियंत्रित वेंडिंग से बाजार की स्थिति खराब हो रही है, और नगर पालिका को इसे व्यवस्थित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

साथ ही, व्यापार मंडल ने मल्ला महल से वानर देवी और कसार देवी तक रोपवे निर्माण की आवश्यकता पर भी चर्चा की, जिसे जिलाधिकारी ने साकार करने की कोशिश करने की बात कही।

क्वारब पुल के पास हो रहे भूस्खलन के मुद्दे पर भी चर्चा हुई और कहा गया कि इसके समाधान के लिए शीघ्र कदम उठाए जाएं, क्योंकि कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।बैठक में व्यापार मंडल के प्रदेश और जिले के प्रमुख पदाधिकारी, जैसे प्रदेश संगठन मंत्री मनीष जोशी, जिला अध्यक्ष सुशील साह, जिला महामंत्री भैरव गोस्वामी, और अन्य सदस्य उपस्थित थे। सभी ने जिलाधिकारी महोदय का आभार व्यक्त किया और उनके प्रयासों की सराहना की, जो अल्मोड़ा की संस्कृति को एक नई पहचान देने के लिए किए जा रहे हैं।

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