नोबल पुरूस्कार एवं मानवाधिकार दिवस के अवसर पर रेडक्रॉस की गोष्ठी
शाहजहांपुर। योगेंद्र यादव
जनपद के कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रांगण में स्थित इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी के कार्यालय में नोबल पुरूस्कार एवं मानवाधिकार दिवस पर रेडक्रास के संस्थापक जीन हेनरी डुनेट के चित्र को माला पहनाकर पुष्प अर्पित करने के उपरान्त वरिष्ठ एडवोकेट सत्यभान सिंह भदौरिया की अध्यक्षता में गोष्ठी आयोजित हुई अध्यक्ष का स्वागत करने के उपरान्त रेडक्रास के सचिव डा० विजय जौहरी ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विश्व स्तर पर रेड क्रॉस सोसायटी एकमात्र ऐसा संगठन है जिसे मानवीय सेवाओं के लिए विश्व का सर्वोच्च प्रथम सम्मान के शुभ आरंभ पर प्रथम बार और सर्वाधिक चार बार नोबल पुरूस्कार दिया जा चुका है जोकि रेडक्रास के कार्यकर्ताओं के लिए गौरव का विषय है। नोबेल पुरस्कार दिवस हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन डायनामाइट के आविष्कारक और नोबेल पुरस्कारों के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि होती है, और इसी दिन दुनिया भर में विभिन्न क्षेत्रों (विज्ञान, साहित्य, शांति, अर्थशास्त्र) में मानव कल्याण के लिए उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं, जिससे उनकी विरासत को सम्मान मिलता है और दूसरों को प्रेरणा मिलती है।पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में जीन हेनरी डुनेंट (रेड क्रॉस के संस्थापक) और फ्रेडरिक पैसी (फ्रांसीसी शांतिवादी) के बीच संयुक्त रूप से दिया गया था, जिसमें डुनेंट को घायल सैनिकों की मदद करने और पैसी को अंतर्राष्ट्रीय शांति प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया था, रेड क्रॉस (अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति) को तीन बार नोबेल शांति पुरस्कार मिला है 1917: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मानवीय कार्यों के लिए। 1944: द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान युद्धबंदियों और नागरिकों की सहायता के लिए। 1963: रेड क्रॉस की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर, इस बार लीग ऑफ रेड क्रॉस सोसाइटीज़ के साथ संयुक्त रूप से, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के कार्यों और जिनेवा कन्वेंशन के लिए। यह संगठन मानवीय सहायता के क्षेत्र में अपनी अभूतपूर्व सेवाओं के लिए दुनिया के सबसे सम्मानित संगठनों में से एक है। मानव अधिकार दिवस के अवसर पर डा० विजय जौहरी ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 दिसंबर को हम मानवाधिकारों का उत्सव मनाते हैं, उस दिन की स्मृति में जब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1948 में मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाया था। यह घोषणा हमारे समाजों के मानवाधिकार ढांचे की रीढ़ है, जहां हममें से प्रत्येक को – बिना किसी भेदभाव के – शांति और सुरक्षा के साथ रहने और फलने-फूलने का अधिकार है रेडक्रास की सोच मानवता, तटस्थता और शांति पर केंद्रित है, जिसका लक्ष्य जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा करना है, जैसा कि उनके आदर्श वाक्य “मानवता के साथ, शांति की ओर” से झलकता है, और वे संघर्षों और संकटों में कमजोर लोगों के लिए सार्वभौमिक मानवाधिकारों को बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं।उनका जोर मानवीय गरिमा की रक्षा, निष्पक्षता और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने पर है, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
गोष्ठी में सत्यभान सिंह भदौरिया डा० विजय जौहरी पुष्पराज इमरान अनुज जौहरी अग्रज जौहरी अवनीश सक्सेना इत्यादि रेडक्रास के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

