शिक्षकों का वेतन संकट गहराया: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने दी आंदोलन की चेतावनी, विधायक केतकी सिंह ने शासन को लिखा पत्र।
संजीव सिंह बलिया| जिले के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग 16 हजार शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारी पिछले एक वर्ष से वेतन विलंब की मार झेल रहे हैं। न्यायालयी आदेशों और विभागीय लापरवाही के चलते हर माह वेतन भुगतान में अड़चनें आ रही हैं। इससे शिक्षकों के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है—बच्चों की फीस, ईएमआई और घरेलू खर्च तक जुटाना मुश्किल हो गया है।राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए बांसडीह की भाजपा विधायक केतकी सिंह को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराया है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र स्थायी समाधान नहीं हुआ तो शिक्षण कार्य रोककर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। संगठन ने इस स्थिति की पूरी जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग पर तय की है।पत्र प्राप्त होते ही विधायक केतकी सिंह ने तत्काल संज्ञान लिया और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को कड़ी फटकार लगाते हुए वेतन भुगतान की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने राज्य शासन के विशेष सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग को भी पत्र भेजकर बलिया के शिक्षकों की वेतन समस्या का स्थायी समाधान करने की मांग की है।महासंघ के जिला संयोजक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि “हर माह कोर्ट के आदेश से विभागीय खाते पर रोक लग जाती है और अधिकारियों की उदासीनता के कारण वेतन एक-दो माह तक टल जाता है। पिछले एक वर्ष से यह स्थिति लगातार बनी हुई है, जिससे शिक्षक कर्ज लेकर परिवार चला रहे हैं। अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो हम आंदोलन के लिए सड़क पर उतरने को विवश होंगे।”शिक्षकों का कहना है कि वेतन समय से न मिलने से मानसिक तनाव बढ़ा है और शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। कई शिक्षक ऊँची ब्याज दर पर निजी कर्ज लेकर गुजर-बसर कर रहे हैं। अब सभी की निगाहें शासन और बेसिक शिक्षा विभाग पर टिकी हैं, जिससे यह उम्मीद है कि बलिया के हजारों शिक्षकों को शीघ्र इस संकट से राहत मिल सके।इस मौके पर संगठन के पदाधिकारी अमरेन्द्र बहादुर सिंह, अकीलुर्रहमान खान, कर्ण प्रताप सिंह, ओम प्रकाश सिंह, संजीव कुमार सिंह, विनोद तिवारी आदि उपस्थित रहे।

