बलिया में छठ महापर्व की धूम: 45 घाटों पर भक्ति, सुरक्षा और उत्साह का संगम
संजीव सिंह बलिय
बलिया में छठ महापर्व की धूम: 45 घाटों पर भक्ति, सुरक्षा और उत्साह का संगम
संजीव सिंह बलिया!छठ महापर्व: 45 घाटों पर चाक-चौबंद सुरक्षा, प्रशासन हुआ अलर्ट – बलिया में उत्साह चरम परआस्था, परंपरा और श्रद्धा का महापर्व छठ पूरे बलिया जिले में उल्लास और पूरे भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है। नगर निगम और स्थानीय प्रशासन द्वारा नगर तथा आसपास के इलाकों में कुल 45 घाटों पर छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इन घाटों पर बढ़ती भीड़ को देख प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था फुलप्रूफ कर दी है। पुलिस, मेडिकल टीम, एनडीआरएफ तथा नगर निगम कर्मचारी, हर घाट पर तैनात रहेंगे ताकि किसी भी श्रद्धालु को कोई असुविधा न हो।शहर के प्रमुख गंगा घाट, सुरहा ताल, रामगढ़ घाट, डीह घाट, बेली घाट, गुरवा घाट आदि पर खास तौर पर साफ-सफाई, अस्थायी रोशनी, पेयजल और चिकित्सा दल की व्यवस्था पूरी कर ली गई है।
इस बार छठ पूजा को लेकर खास उत्साह है। महिलाएं निर्जला व्रत के साथ भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा में जुटी हुईं हैं। रविवार शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया जाएगा और सोमवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त होगा।प्रशासन ने घाटों पर नो-इंट्री जोन की व्यवस्था की है। सोमवार सुबह 8 बजे से मंगलवार रात 11 बजे तक शहर में भारी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। साथ ही जिलाधिकारी ने दो दिनों का स्थानीय अवकाश भी घोषित किया है, जिससे सभी सरकारी और अशासकीय संस्थान बंद रहेंगे।गुरवा गांव में रेत कलाकार रूपेश सिंह द्वारा बनाई गई छठ मैया की सैंड आर्ट विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। श्रद्धा और लोक संस्कृति का यह संगम पूरे बलिया जिले में छठ पर्व को और अधिक भव्य बना रहा है।प्रमुख व्यवस्थाएँ:कुल 45 घाटों पर छठ पूजा के आयोजन�साफ-सफाई, रोशनी, पेयजल और चिकित्सा दल की तैनातीपुलिस और प्रशासनिक अधिकारी हर घाट पर मौजूद�सोमवार 27 और मंगलवार 28 अक्टूबर को स्थानीय अवकाश���मुख्य घाट: गंगा घाट, सुरहा ताल, रामगढ़ घाट, डीह घाट, बेली घाट, गुरवा घाट��सामाजिक व सांस्कृतिक आकर्षण: गुरवा गांव की रेत कला�39 घंटे तक नो-एंट्री जोन, भारी वाहनों पर रोक�अधिकारियों का बयान:
इंस्पेक्टर संजय शुक्ल ने बताया कि सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए पुलिस टीम लगातार पेट्रोलिंग कर रही है और किसी भी परिस्थिति से तत्काल निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है�।छठ पर्व की गूंज, भक्तिरस और प्रशासनिक मुस्तैदी से बलिया का हर शहरी और ग्रामीण इलाका छठ मैया के गीतों और आस्था में रंगा हुआ है।
।!छठ महापर्व: 45 घाटों पर चाक-चौबंद सुरक्षा, प्रशासन हुआ अलर्ट – बलिया में उत्साह चरम परआस्था, परंपरा और श्रद्धा का महापर्व छठ पूरे बलिया जिले में उल्लास और पूरे भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है। नगर निगम और स्थानीय प्रशासन द्वारा नगर तथा आसपास के इलाकों में कुल 45 घाटों पर छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इन घाटों पर बढ़ती भीड़ को देख प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था फुलप्रूफ कर दी है। पुलिस, मेडिकल टीम, एनडीआरएफ तथा नगर निगम कर्मचारी, हर घाट पर तैनात रहेंगे ताकि किसी भी श्रद्धालु को कोई असुविधा न हो।शहर के प्रमुख गंगा घाट, सुरहा ताल, रामगढ़ घाट, डीह घाट, बेली घाट, गुरवा घाट आदि पर खास तौर पर साफ-सफाई, अस्थायी रोशनी, पेयजल और चिकित्सा दल की व्यवस्था पूरी कर ली गई है। इस बार छठ पूजा को लेकर खास उत्साह है। महिलाएं निर्जला व्रत के साथ भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा में जुटी हुईं हैं। रविवार शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया जाएगा और सोमवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त होगा।प्रशासन ने घाटों पर नो-इंट्री जोन की व्यवस्था की है। सोमवार सुबह 8 बजे से मंगलवार रात 11 बजे तक शहर में भारी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। साथ ही जिलाधिकारी ने दो दिनों का स्थानीय अवकाश भी घोषित किया है, जिससे सभी सरकारी और अशासकीय संस्थान बंद रहेंगे।गुरवा गांव में रेत कलाकार रूपेश सिंह द्वारा बनाई गई छठ मैया की सैंड आर्ट विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। श्रद्धा और लोक संस्कृति का यह संगम पूरे बलिया जिले में छठ पर्व को और अधिक भव्य बना रहा है।प्रमुख व्यवस्थाएँ:कुल 45 घाटों पर छठ पूजा के आयोजन�साफ-सफाई, रोशनी, पेयजल और चिकित्सा दल की तैनातीपुलिस और प्रशासनिक अधिकारी हर घाट पर मौजूद�सोमवार 27 और मंगलवार 28 अक्टूबर को स्थानीय अवकाश���मुख्य घाट: गंगा घाट, सुरहा ताल, रामगढ़ घाट, डीह घाट, बेली घाट, गुरवा घाट��सामाजिक व सांस्कृतिक आकर्षण: गुरवा गांव की रेत कला�39 घंटे तक नो-एंट्री जोन, भारी वाहनों पर रोक�अधिकारियों का बयान:
इंस्पेक्टर संजय शुक्ल ने बताया कि सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए पुलिस टीम लगातार पेट्रोलिंग कर रही है और किसी भी परिस्थिति से तत्काल निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है�।छठ पर्व की गूंज, भक्तिरस और प्रशासनिक मुस्तैदी से बलिया का हर शहरी और ग्रामीण इलाका छठ मैया के गीतों और आस्था में रंगा हुआ है।

