ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करने से जाने अंजाने में हुए पाप से मुक्ति मिलती है – नागा बाबा
आचार्य ओमप्रकाश वर्मा
नगरा बलिया। सप्तऋषि धाम अकटही डोलेशर में बाबा गया दास परमहंस जी महाराज का 89वां यज्ञ महोत्सव शुक्रवार को संपन्न हुआ। इस अवसर पर हवन पूजन, प्रवचन, विशाल भंडारे और रामलीला का सजीव मंचन किया गया।
महोत्सव के दौरान तपो साधना में लीन रामदेव गिरी नागा बाबा उर्फ उर्धबाहू बाबा ने प्रवचन दिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन में जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति का एकमात्र उपाय ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करना है। बाबा ने ईश्वर आराधना के साथ अच्छे कर्म करने का आह्वान किया।
उन्होंने सत्संग और शास्त्रों में बताए आदर्शों को सुनने पर जोर दिया, क्योंकि सत्संग में व्यक्ति के जीवन को बदलने की शक्ति होती है। बाबा ने क्रोध, लोभ, मोह, हिंसा और संग्रह का त्याग कर विवेकपूर्ण श्रेष्ठ कर्म करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि भगवान के नाम मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार उतर जाता है।
प्रवचन से पूर्व हवन पूजन का आयोजन किया गया, जिसके बाद विशाल भंडारे में सैकड़ों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। रात्रि में छितौना की रामलीला समिति द्वारा मेघनाथ बंध और सती शिलोचना विलाप लीला का सजीव मंचन किया गया, जिसे देखकर भक्त भाव-विभोर हो गए।
इस यज्ञ महोत्सव को सफल बनाने में हंषनाथ यादव, राम मनोहर यादव, अजीत यादव, सुभाष गोंड और हीरा यादव का कार्य सराहनीय रहा। सुरक्षा व्यवस्था के लिए एसआई दिनेश चंद्र यादव अपने हमराहियों के साथ मेले में तैनात रहे।

