रामलीला महोत्सव में अहिल्या उद्धार और प्रभु राम का मिथिला आगमन
रामेश्वर प्रजापति
नगरा/रसड़ा (बलिया)। सार्वजनिक रामलीला समिति के तत्वाधान में चल रहे रामलीला महोत्सव का चौथा दिन भक्तिमय और भावपूर्ण रहा। मंचन में भगवान श्रीराम के चरणों से अहिल्या का उद्धार हुआ और माँ गंगा के अवतरण की कथा प्रस्तुत की गई। इसके बाद प्रभु राम का मिथिला नगर आगमन दर्शकों के लिए उत्साह और श्रद्धा का क्षण बना।
कथा अनुसार, अहिल्या को इंद्रदेव के छल के कारण श्राप मिला और वे शिला बन गई थीं। श्रीराम के चरण स्पर्श मात्र से अहिल्या पुनः जीवित हो गईं, जिससे रामलीला मैदान “जय श्रीराम” के नारों से गूंज उठा।
मंचन में ऋषि विश्वामित्र ने माँ गंगा के अवतरण की कथा भी सुनाई। बताया गया कि भगीरथ के तप और भगवान शिव की कृपा से गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई और अपने पवित्र जल से पापियों का उद्धार करती हैं।
भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और गुरु विश्वामित्र के मिथिला नगर आगमन पर नगरवासियों ने भव्य स्वागत किया। मुख्य सेवक मनोज पांडे ने भगवान श्री राम को माला पहनाकर कर तिलक एवं आरती की, जबकि पूर्व ब्लॉक प्रमुख निर्भय प्रकाश ने उन्हें अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में राजेश गुप्ता, शशि प्रकाश,हरे राम गुप्ता,राजू चौहान, रामायण ठाकुर, गणपति, मुन्ना, रिंकू गुप्ता, सुनील गुप्ता, राहुल ठाकुर, राजकुमार यादव, केपी यादव, राजू सोनी, राकेश गुप्ता सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
अयोध्या से आए हुये रामलीला कालकारों ने बताया कि यह प्रसंग श्रद्धा, धर्म और प्रभु के चरण-स्पर्श की महिमा का प्रतीक है।

