
परिषदीय शिक्षकों का बिगुल टीईटी अनिवार्यता अन्यायपूर्ण शिक्षकों का आंदोलन तेज: 16 सितंबर को बलिया मुख्यालय पर शिक्षकों का विशाल प्रदर्शन।
संजीव सिंह बलिया।नगरा। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को सेवा में कार्यरत शिक्षकों के लिए अनिवार्य किए जाने पर परिषदीय शिक्षकों ने आक्रोश जताते हुए आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है। शनिवार को ब्लॉक संसाधन केंद्र नगरा में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक में जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह निर्णय शिक्षकों के भविष्य के साथ अन्याय है। जब तक सरकार और न्यायालय इस पर पुनर्विचार नहीं करते, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने घोषणा की कि आगामी 16 सितंबर को बलिया में पूर्ण तालाबंदी होगी और शिक्षक अपनी एकजुट ताकत का प्रदर्शन करेंगे।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि कुछ ही वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले या पहले से सेवा कर रहे कई शिक्षक तो टीईटी में बैठने के पात्र ही नहीं हैं। ऐसे में परीक्षा उत्तीर्ण कर सेवा समाप्ति से बचना संभव नहीं है। यह शर्त पूरी तरह अव्यावहारिक है और शिक्षक समाज में गहरा असंतोष पैदा कर रही है।
प्रदेशाध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा के आह्वान पर नगरा की बैठक में तय हुआ कि चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत बलिया मुख्यालय से होगी। इस दिन प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले जिलेभर के शिक्षक तालाबंदी कर धरना-प्रदर्शन करेंगे और प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपेंगे।
बैठक में जिला उपाध्यक्ष एवं बेरुआरबारी इकाई अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह, नगरा इकाई अध्यक्ष वीरेंद्र प्रताप यादव, मंत्री ओमप्रकाश, उपाध्यक्ष हेमंत यादव, विनोद भारती, प्रख्यात शिक्षाविद डॉ. विद्या सागर उपाध्याय, विनय त्रिपाठी, अजय यादव, अशोक चौहान, जयप्रकाश सिंह, बालचंद राम, संतोष गुप्ता, रामबहादुर यादव, अमरदेव सिंह, शिव शहाय तिवारी, नीता श्रीवास्तव समेत अनेक शिक्षक शामिल रहे। सभी ने संकल्प लिया कि वे टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ लड़ाई को निर्णायक मुकाम तक पहुंचाएँगे

