Tuesday, December 16

जौनपुर।78 साल बाद विवादित शाहपुर-नेवादा चकमार्ग का निर्माण शुरू।

78 साल बाद विवादित शाहपुर-नेवादा चकमार्ग का निर्माण शुरू।

ग्राम प्रधान ने भी उठाया फावड़ा, मनरेगा मजदूरों के साथ कर रहे श्रमदान।

महराजगंज (जौनपुर )

आज़ादी के 78 वर्षों बाद आखिरकार वह सपना साकार हो रहा है, जिसका इंतजार शाहपुर नेवादा समेत कई गांवों के लोग दशकों से कर रहे थे। ग्राम प्रधान धर्मेन्द्र सिंह के अथक प्रयासों और मजबूत इच्छाशक्ति के चलते वर्षों से विवादों में उलझा शाहपुर-नेवादा चकमार्ग अब निर्माणाधीन है।

यह वही रास्ता है जिसे कुछ शरारती तत्वों ने व्यक्तिगत भूमि बताकर बार-बार निर्माण कार्य रुकवाया। लंबे समय तक विवादों और झूठे दावों के कारण यह चक मार्ग केवल कागज़ों में ही बना रहा। लेकिन ग्राम प्रधान धर्मेन्द्र सिंह ने हार नहीं मानी। उन्होंने लगातार राजस्व विभाग से लेकर पंचायत तक, हर स्तर पर पैरवी की और आखिरकार सभी शिकायतों और आपत्तियों के निस्तारण के बाद मार्ग निर्माण को हरी झंडी मिल गई।

ग्राम प्रधान न सिर्फ आदेश करवाने तक सीमित रहे, बल्कि जब निर्माण शुरू हुआ, तो खुद फावड़ा उठाकर मनरेगा मजदूरों के साथ श्रमदान करते नज़र आए। यह नज़ारा ग्रामीणों के लिए प्रेरणास्रोत बना और गांव में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ

यह चकमार्ग न सिर्फ शाहपुर और नेवादा को जोड़ता है, बल्कि इससे आसपास के दो अन्य गांवों को भी सीधा रास्ता मिलेगा। अब बरसात हो या सूखा, ग्रामीणों को आने-जाने के लिए कीचड़ और पगडंडियों की जगह एक मजबूत रास्ता मिलेगा।

जैसे ही निर्माण कार्य शुरू हुआ, गांव में हर्षोल्लास का माहौल बन गया।ग्रामीण शिवमंगल राजेश पुल्लूराम रामलगन विकास आदि ने बताया कि यह मार्ग कोल्हुआ ,विलासन ,रसिकापुर रमदेईया नेवादा आदि कई गांवो को जोड़ता है इस मार्ग निर्माण से सैकडो आवादी वाली दलित वस्ती का आवागमन आसान हुआ ये सिर्फ मिट्टी का रास्ता नहीं, बल्कि ग्राम विकास का प्रतीक बन चुका है।

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