Tuesday, December 16

आजमगढ़।विशेष सचिव, पशुधन ने की मण्डल स्तर पर विभागीय समीक्षा

विशेष सचिव, पशुधन ने की मण्डल स्तर पर विभागीय समीक्षा।

बरसात को देखते हुए सभी गोआश्रय स्थलों में तत्काल बनवायें पक्का चबूतरा: विशेष सचिव।

उपेन्द्र पांडेय 

 आज़मगढ़ ।प्रदेश के विशेष सचिव, पशुधन देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने वृहस्पतिवार को आयुक्त सभागार में मण्डलीय विभागीय समीक्षा किया। उन्होंने कहा कि गोआश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों को बरसात के दिनों में बैठने की दिक्कतें आ सकती हैं, इसलिए बरसात को दृष्टिगत रखते हुए सभी गोआश्रय स्थलों में 500 से 1000 वर्गफीट में ईंट का पक्का चबूतरा तत्काल बनवाया जाय। विशेष सचिव ने निर्देश दिया कि वृहद गो संरक्षण केन्दों का निर्माण समयान्तर्गत गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए तथा जो पूर्ण हो गये हैं उसे तत्काल संचालित किया जाय। उन्होंने गोआश्रय स्थलों से सम्बद्ध चारागाह भूमि पर चारा बुवाई की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि चारागाह की ऐसी भूमि जिस पर अवैध अतिक्रमण है उसे अतिक्रमणमुक्त कराया जाय। चारागाह की जो जमीन अतिक्रमणमुक्त एवं टैग्ड है उस भूमि पर हरे चारे की बुवाई की जाय, जिससे हरा चारा आच्छान का क्षेत्रफल बढ़ सके। विशेष सचिव श्री पाण्डेय ने यह भी निर्देश दिया कि चारागाह की जमीन के चारों तरफ मेड़बन्दी कराकर उस पर पाकड़, सुबबुल एवं अन्य पशु चारा प्रजाति के पेड़ लगाये जायें। समीक्षा में पाया गया कि बलिया एवं मऊ में गोचर भूमि कब्जामुक्त होने के पश्चात भी कम क्षेत्रफल में हरे चारे की बुवाई की गयी है। इस स्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने सम्बन्धित मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि तत्काल इस ओर ध्यान देकर बुवाई का क्षेत्रफल बढ़ाना सुनिश्चित किया जाय। विशेष सचिव ने निर्देश दिया कि जिन गोआश्रय स्थलों में बरसात का पानी एकत्र हो गया है और कीचड़ हो गया है, वहॉं से गोवंशों को दूसरे स्थलो पर स्थानान्तरित कर व्यवस्थायें सुदृढ़ कराई जाय। उन्होने इयर टैगिंग तथा पशुधन एप पर पंजीकरण की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि अब तक जितना टैग प्राप्त हुआ है उसको भारत पशुधन पोर्टल पर रजिस्टर्ड कराया जाये। उन्होंने कहा कि पूर्व में चयनित वैक्सीनेटर एवं पैरावेट जो वर्तमान में अक्रियाशील हैं उनसे व्यक्तिगत सम्पर्क करें तथा पूर्व में किए गये टैगिंग का डाटा प्राप्त कर पोर्टल पर पंजीकृत किया जाय।

      मण्डलायुक्त विवेक ने समीक्षा बैठक में कहा कि गोवंश संरक्षण संवेदनशीलता एवं शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्यक्रम है, इसलिए व्यवस्थाओं को सुदृढ़ कराये जाने के दृष्टिगत सभी उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी सप्ताह में कम से कम एक बार अपने अपने क्षेत्र के गोआश्रय स्थलों का अवश्य निरीक्षण करें। निरीक्षण में यदि कोई कमी पाई जाती है तो तत्परता से सुधार कराया जाय। मण्डलायुक्त ने पशुओं के टीकाकरण की समीक्षा में जनपद मऊ की प्रगति कम मिलने पर नाराजगी व्यक्त किया तथा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि तत्काल इस ओर ध्यान देकर अपेक्षित प्रगति लाई जाय तथा निर्धारित समयावधि में शत प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाय। समीक्षा में पशुधन बीमा, कृत्रिम गर्भाधान, कुक्कुट विकास नीति, बैकयार्ड पोल्ट्री कार्यक्रम आदि की भी विस्तृत समीक्षा की गयी।

  इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना, अपर जिलाधिकारी-प्रशासन राहुल विश्वकर्मा, अपर निदेशक, पशुपालन डॉ. नीरज कुमार गौतम, मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, आजमगढ़ डॉ. मुकेश गुप्ता, प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मऊ डा. आरपी चौरसिया, डीपीआरओ आजमगढ़ पवन कुमार, तीनों जनपद के उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आदि उपस्थित थे।

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