Tuesday, December 16

आजमगढ़।बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने सभा कर निजीकरण प्रस्ताव वापस लेने की मांग 

आजमगढ़।बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों ने सभा कर निजीकरण प्रस्ताव वापस लेने की मांग 

 आजमगढ़। निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने सभा कर निजीकरण प्रस्ताव वापस लेने की मांग की है। बता दे कि सिधारी हाइडिल परिसर में शनिवार की देर शाम संयुक्त संघर्ष समिति प्रभु नारायण पांडे प्रेमी के नेतृत्व व मनौवर अली की अध्यक्षता में

विरोध सभा का आयोजन हुआ। 

सभा में पहुंचे सैकड़ों बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में कार्यालय समय के उपरांत शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। सभा को जिले के ऑटो रिक्शा चालक समिति ने भी समर्थन किया है। बिजली कर्मचारियों ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में सबसे बड़े स्टेकहोल्डर बिजली के उपभोक्ता और बिजली के कर्मचारी है। अतः आम उपभोक्ताओं और कर्मचारियों की राय लिए बना निजीकरण की कोई प्रक्रिया शुरू न की जाए। साथ ही संघर्ष समिति ने मांग की है की अरबों खरबों रुपए की बिजली की संपत्तियों एक कमेटी बनाकर, जिसमें कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के प्रतिनिधि भी हों, मूल्यांकन किया जाए और जब तक यह मूल्यांकन सार्वजनिक न हो तब तक निजीकरण की कोई प्रक्रिया शुरू करना संदेह के घेरे में होगा। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि निजीकरण से कर्मचारियों की सेवा शर्तें तो प्रभावित होती ही हैं कर्मचारियों के साथ ही सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव आम घरेलू उपभोक्ताओं, किसानों और गरीब उपभोक्ताओं पर पड़ता है। निजीकरण के नाम पर आम उपभोक्ता ठगा जाएगा। निजी कंपनीया मुनाफे के लिए काम करती है जबकि सरकारी कंपनी सेवा के लिए काम करती है। आज हुई इस सभा में बिजली कर्मचारियों ने संकल्प लिया की प्रदेश की आम जनता की व्यापक हित में और कर्मचारियों के हित में बिजली का निजीकरण पूरी तरह अस्वीकार्य है और लोकतांत्रिक ढंग से इस निजीकरण को समाप्त करने हेतु सभी प्रयास किए जाएंगे।

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