
शोषितों, दलित और पिछड़ों के मसीहा डॉ. बी. आर. अंबेडकर
आजमगढ़। कृष्ण मोहन उपाध्याय
भारत रत्न, देश के प्रथम कानून मंत्री बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस शुक्रवार को ग्राम जमुआ हरिराम के खिरिया बाग धरना स्थल पर मनाया गया । उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया ।जमीन मकान बचाओ संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष राम नयन यादव ने कहा डॉक्टर अंबेडकर दबे ,कुचले, गरीबों, दलितों व पिछड़ों के मसीहा थे । उन्होंने संविधान की रचना कर समाज के सभी वर्गों को सम्मानपूर्वक बराबरी के साथ जीवन जीने की व्यवस्था की। उन्होंने समाज के पिछड़े वर्ग के लोगों को हमेशा ही शिक्षा ग्रहण करने की शिक्षा दी। उनका विचार था बिना शिक्षा के आप समाज में आगे नहीं बढ़ सकते हैं । डॉ. आंबेडकर के संविधान को बचाए रखना ही उनको उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। आज देश का कमजोर तबके का नागरिक भी सबके साथ एक समान जीवन की जी रहा है तो वह उनके द्वारा बनाए गए संविधान की देन है।
लेकिन आज किसान मजदूर विरोधी कृषि कानून,श्रम कानून,यूपीए जैसे दमनकारी काले कानून बनाकर संविधान की मूल भावना को धत्ता बताया जा रहा है।सबसे चिंताजनक है कि देश में गरीबी-अमीरी के बीच बढ़ती खाईं के कारण दलित उत्पीड़न की पृष्ठभूमि रिवर्स होते जा रहे हैं।अतः संविधान, लोकतंत्र की चुनौतियों की समझ हासिल करने की जरूरत है। इस मौके पर कामरेड दुखहरन राम, राजेश आजाद ,रामकुमार यादव, टेकई राम ,प्रेम नारायण, फूलमती ,सुशीला, दान बहादुर मौर्य, हरिहर , निर्मल प्रधान , आदि मौजूद थे।

