आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुनः सुनवाई का आदेश, विशेष न्यायाधीश का ऐतिहासिक फैसला
संजीव कुमार सिंह बलिया नगरा।विशेष न्यायालय में दायर एक महत्वपूर्ण मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (ईसी एक्ट) बलिया के न्यायालय ने आठ पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मुकदमे की पुनः सुनवाई का आदेश दिया है। यह आदेश बलिया के निवासी देवनारायण प्रजापति द्वारा दायर फौजदारी निगरानी वाद संख्या 169/2024 पर सुनवाई के बाद पारित किया गया।मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय के पीठासीन अधिकारी विद्वान रामकृपाल (जे.ओ. कोड 02759) ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया कि 2 अगस्त 2024 के पूर्व आदेश के परिप्रेक्ष्य में पुनः विधि-सम्मत निर्णय पारित किया जाए। इससे पूर्व मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, बलिया साम्भवी यादव ने मामला संख्या 9724/2023 देवनारायण बनाम अतुल आदि थाना नगरा में परिवाद निरस्त कर दिया था।वादी देवनारायण प्रजापति ने अपने परिवाद में कहा था कि 13 अगस्त 2023 को थानाप्रभारी अतुल कुमार मिश्रा, दो उपनिरीक्षक एवं पांच सिपाहियों ने थाने में बुलाकर उससे मारपीट की, जिससे उसकी दृष्टि चली गई। आरोप लगाया गया कि पुलिसकर्मियों ने प्रभाव का प्रयोग कर मेडिकल परीक्षण नहीं होने दिया और 151 में चालान कर दिया। बाद में सीएमओ के आदेश पर चिकित्सा परीक्षण में 14 चोटें दर्ज की गईं।दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने पाया कि विचारण न्यायालय ने धारा 200 व 202 दं.प्र.सं. के अंतर्गत आवश्यक प्रक्रिया का पालन किए बिना परिवाद निरस्त कर दिया था। न्यायालय ने टिप्पणी की कि वादी के बयान और प्रस्तुत साक्ष्यों पर यथोचित विचार आवश्यक था।वादी पक्ष के अधिवक्ता निर्भय नारायण सिंह ने तर्क दिया कि लोक सेवक अधिनियम की धारा 197 का लाभ ऐसे मामलों में लागू नहीं होता, क्योंकि लोक सेवक अपने कर्तव्य की सीमा से परे जाकर कार्य नहीं कर सकता। न्यायालय ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए 10 दिसम्बर को अभियुक्तों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का आदेश जारी किया है।

