Thursday, December 18

शाहजहांपुर।आयुर्वेद की दृष्टि मै गोपाष्टमी पर्व 

आयुर्वेद की दृष्टि मै गोपाष्टमी पर्व 

शाहजहांपुर। योगेंद्र यादव

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय परिसर में स्थित इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी, शाहजहांपुर के कार्यालय में आखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के आयुर्वेद चिकित्सकों ने आयुर्वेद की दृष्टि मै गोपाष्टमी पर्व बनाए जाने पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया जिसमे आयुर्वेद चिकित्सकों ने विचार रखते हुए बताया कि आयुर्वेद की दृष्टि में गोपाष्टमी पर्व को गायों के पोषण और स्वास्थ से जोड़ा जाता है जिन्हें आयुर्वेद में गौ माता के रूप में पूजा जाता है और उनके उत्पादों जैसे दूध,घी को औषधि माना जाता है इस दिन गायों की सेवा उनकी पूजा और पौष्टिक आहार खिलाना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है यह आयुर्वेद के पंच महाभूत सिद्धांत आकाश,वायु,अग्नि,जल,पृथ्वी को भी दर्शाता है जिसमें गायों को प्राकृतिक का एक महत्वपूर्ण अंश माना जाता है । गाय के पांच उत्पाद दूध,दही,घी,गौमूत्र एवं गोबर इन पांचों को मिलकर पंचगव्य बनता है जिसका धार्मिक और पारंपरिक आयुर्वेद चिकित्सा में विशेष महत्व है गोपाष्टमी पर गयो की सेवा करना प्राकृतिक के साथ सामंजस्य बनाए रखने का एक तरीका है जो पर्यावरण और समग्र स्वास्थ को बनाए रखने मै योगदान कर सकता है ऐसा माना जाता है गोपाष्टमी को भगवान श्री कृष्ण ने प्रथम बार गाय चराने का दायित्व संभाला था इस लिए श्री कृष्ण कन्हैया से गोपाल कहलाए गए। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष डॉ विजय जौहरी ने कहा गायों के ठंड से बचाव के लिए सेवा भाव से निजी स्तर पर गौशाला संचालकों को रेड क्रॉस के द्वारा त्रिपाल उपलब्ध कराए जाएंगे जो गौशाला संचालक संपर्क कर प्राप्त कर सकते है। सरकार की मंशानुसार जनस्वास्थ के लिए आयुर्वेद का जन जन तक प्रचार प्रसार करने के क्रम में जिला अस्पताल के आयुष विभाग विभागाध्यक आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेंद्र कुशवाह ने योग एवं आयुर्वेद से संबंधित पत्रिकाएं भेंट की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *