
शिक्षकों ने टेट अनिवार्यता के खिलाफ डीएम को सौंपा ज्ञापन, समस्याओं के त्वरित समाधान की रखी मांग।
संजीव सिंह बलिया।
विभिन्न बीटीसी/बीटीसी-टीईटी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के बैनर तले जनपद बलिया में सोमवार, 15 सितंबर 2025 को शिक्षकों ने अपनी समस्याओं को लेकर एक विशेष बैठक की। बैठक के उपरांत शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल ने जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर अपनी जायज़ मांगों के त्वरित समाधान की मांग की।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक प्रतिनिधि मौजूद रहे, जिनमें नगरा के अध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप राही, अशोक कुमार वर्मा, मंत्री आशीष कुमार श्रीवास्तव, वीरेश राम, अनिल कुमार सिंह, अरविंद श्रीरश्मि, उपेंद्र कुमार सिंह, संजय सिंह, परशुराम यादव और ओंकार नाथ पांडे प्रमुख रूप से शामिल रहे।
ज्ञापन में कहा गया है कि आरटीई एक्ट 2009 और टीईटी अनिवार्यता के नाम पर शिक्षकों को लगातार मानसिक एवं प्रशासनिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इससे शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है। जिला संयोजक डॉ. घनश्याम चौबे ने कहा कि सरकारों को मिलकर इस समस्या का समाधान करना होगा, अन्यथा शिक्षक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
शिक्षकों ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्ष 2010 से पूर्व चयनित व कार्यरत शिक्षकों पर आरटीई व एनसीटीई की नई व्यवस्थाओं को लागू करना अनुचित है। वर्षों से शिक्षा सेवा दे रहे शिक्षकों का भविष्य असुरक्षित करना न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि शिक्षा व्यवस्था के लिए भी घातक सिद्ध होगा।
शिक्षकों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर समय रहते सकारात्मक पहल नहीं की गई तो राज्यभर में आंदोलन छेड़ा जाएगा। साथ ही यह भी कहा गया कि जल्द ही मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजकर समस्या का समाधान कराने की दिशा में प्रयास जारी रहेंगे।
👉 डीएम को सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से शिक्षकों ने साफ संदेश दिया कि अब वे अपनी समस्याओं को लेकर चुप नहीं बैठेंगे और न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।

