
अतीत को भूलने वाले मानव का भविष्य हो जाता है अंधकारमय – डॉ. विद्यासागर उपाध्याय
संजीव सिंह बलिया।जय माता दुल्हमी देवी त्रिभुवन स्नातकोत्तर महाविद्यालय चोगड़ा बलिया के क्रीड़ांगन में संस्थापक श्री बालकृष्ण चौहान व उनकी अर्धांगिनी स्वर्गीय राजेश्वरी देवी की संयुक्त प्रतिमा की स्थापना और अनावरण मुख्य अतिथि प्रख्यात शिक्षाविद व दार्शनिक डॉ विद्यासागर उपाध्याय के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ। महाविद्यालय के सभागार में उपस्थित युवा विद्यार्थियों और गणमान्य लोगों को सम्बोधित करते हुए डॉ. विद्यासागर उपाध्याय ने कहा कि संसार का सबसे बड़ा और कठिन प्रश्न है “मैं कौन हूं?” जब मनुष्य को शंका होता है तब समाधान हेतु अवतार, महापुरुष,ऋषि,पैगंबर इत्यादि आते हैं और अपना विचार प्रस्तुत करते हैं।विचार सर्वाधिक शक्तिशाली साधन है जो क्रांतिकारी परिवर्तन लाता है।उन विचारों को जानने और समझने के लिए अपने अतीत को सदैव याद करना आवश्यक है,क्योंकि जो मानव अपने अतीत को भूल जाता है उसका भविष्य निश्चित ही अंधकारमय हो जाता है।अपने अतीत को जीवंत बनाए रखने हेतु हम प्रतिमा लगाते हैं।ये प्रतिमाएं हमें कर्तव्यबोध कराती हैं।आज जहां सभी लोग धन कमाने या खपाने हेतु शहर की ओर पलायन कर रहे हैं वहीं मै बारम्बार धन्यवाद ज्ञापित करता हूं महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र को जिन्होंने अपने धन का गांव में ज्ञानार्जन हेतु सदुपयोग किया है।महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्राएं प्रेरणा लें विदुषी गार्गी, रानी लक्ष्मीबाई और सुनीता विलियम्स जैसी महान नारी शक्तियों से और छात्रों के लिए शानदार प्रेरणादायक बने हैं अभी – अभी पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर जाने वाले प्रथम भारतीय शुभांशु शुक्ला। कार्यक्रम में सर्वप्रथम वैदिक मंत्रोच्चार द्वारा युगल प्रतिमा की स्थापना तथा अनावरण किया गया। तत्पश्चात महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। महाविद्यालय परिवार द्वारा उपस्थित अतिथिगण का स्मृति चिह्न, अंगवस्त्र और पुष्पहार से स्वागत किया गया।कार्यक्रम को पूर्व विधायक शिवशंकर चौहान, भाजपा नेता बृजभान चौहान, समाजसेवी सुरेंद्र चौहान, डॉ सुरेश कुमार, डॉ मृत्युंजय नवल, डॉ अनिल कुमार सिंह, शशि प्रकाश उपाध्याय आदि ने सम्बोधित किया।अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार और संचालन सेवानिवृत्त प्रवक्ता गजेंद्र प्रताप सिंह ने किया।अंत में महाविद्यालय के संस्थापक बालकृष्ण चौहान ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

