Thursday, December 18

आजमगढ़ ।श्रीराम सहित चारों भाई जनकपुर में खाया खिचड़ी,गारी गाकर हुआ स्वागत 

आजमगढ़ ।श्रीराम सहित चारों भाई जनकपुर में खाया खिचड़ी,गारी गाकर हुआ स्वागत 

आजमगढ़कृष्ण मोहन उपाध्याय 

शनिवार को दुर्वासा महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन संत श्री 1008 मौनी जी महाराज के महिपालपुर स्थित निर्मल आश्रम पर तीन दिवसीय राम विवाहोत्सव श्री राम चारों भाई सहित जनकपुर में खिचड़ी गया। महिलाएं गारी गाकर निहाल हो गई।

दुर्वासा महामण्डलेश्वर महिपालपुर स्थित निर्मल आश्रम पर तीन दिवसीय राम विवाहोत्सव का कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अगहन सुदी पंचमी शुक्रवार को जनकपुर में राम विवाह का विवाह हुआ। राम सीता विवाह के पश्चात राम,भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न सहित चारों भाइयों ने शुक्रवार को खिचड़ी खाया। जनकपुर के महिला व पुरूषों ने यथा शक्ति दान दहेज देकर प्रभु को खिचड़ी खिलाई। आश्रम के साधू संतो ने पुष्प वर्षा कर मंगलगीत गया। जनकपुर की महिलाओं ने गारी गाया। जनकपुर के पुरोहित सीताराम तिवारी ने मंत्रोच्चार के साथ वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न कराया। प्रभु श्रीराम के खिचड़ी खाने के बाद खिचड़ी भोज में प्रसाद वितरण किया गया। विवाहोत्सव में दूर-दूर से संत महात्मा आयें हुए थे। लोग संत महात्माओ के भजन कीर्तन प्रवचन श्रवण व दर्शन कर निहाल हो गये। बाल संत शुभमदास ने कहा कि राम सीता विवाह का मठ मंदिरों पर विशेष महत्व है। कलयुग में राम नाम के श्रवण व स्मरण मात्र से ही मनुष्य भवसागर को पार कर सकता है। सारे कष्ट दूर हो जातें हैं। राम नाम सुमिरन से मनुष्य भव सिन्धू रूपी संसार से मोक्ष को प्राप्त हो जाता है। रामचरितमानस हमें संबंधों का कैसे निर्वहन किया जाता है सिखाता है। पिता,माता,भाई, पत्नी, सेवक किसके साथ कैसा व्यवहार हो सिखने को मिलता है। बनवास के सम श्रीराम माता कौशल्या से कहते हैं कि पिता महाराज ने राज्य जैसे छोटी सीमा का राजा नहीं बनाया पिता ने बड़े भूभाग का राजा बनाया है। जिससे मैं बहुत खुश हूं यह आदर्श, समर्पण, मर्यादा,सेवा, संकल्प हमें रामचरितमानस से सिखना चाहिए।

इस मौके पर आश्रम के महंथ 108 हरिप्रसाद दास, राजनाथ पांडेय, प्रबंधक पवन चतुर्वेदी, सतेन्द्र चौबे, उपेन्द्र शर्मा, आदि लोग मौजूद रहे।

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